jalandhar, February 19, 2021 7:49 pm
भागदौड़भरी जिंदगी में अपनी सहूलियत को देखते हुए हमने तमाम ऐसी आदतें डाल ली हैं जो हमारे शरीर को लगातार बीमारियों की ओर ढकेल रही हैं. इन्हीं में से एक आदत है खड़े होकर खाना खाने की. शादी, पार्टी में तो ये कल्चर का हिस्सा बन गया है, वहीं ऑफिस और घर में हम ऐसा अपनी मर्जी से और सुविधा के हिसाब से करते हैं. लेकिन अगर समय रहते आपने अपनी इस आदत को गुडबाय नहीं बोला तो भविष्य में आपको इसके लिए पछताना पड़ सकता है. जानिए खड़े होकर खाना खाने के नुकसान.
1- दरअसल जब हम खड़े होकर भोजन करते हैं तो उस समय हमारी आंते सिकुड़ जाती हैं और भोजन ठीक से नहीं पच पाता है. इसका असर हमारे पाचन तंत्र पर पड़ता है और हमें अपच, कब्ज, एसिडिटी की समस्या होती है. कई बार बेचैनी भी महसूस होती है.
2- अगर आप खड़े होकर खाने से भोजन सीधा आंतों में चला जाता है. ऐसे में कई बार पेट में दर्द व सूजन की समस्या हो जाती है. इसके अलावा खड़े होकर भोजन करने से वो ठीक से पच नहीं पाता, जिसकी वजह से फैट और कैलोरी के रूप में शरीर में जमा होता है और हमारा मोटापा बढ़ता है.
3- अगर आप रोजाना खड़े होकर खाना खाते हैं तो गले से पेट तक भोजन और पानी ले जाने वाली एसोफेगस नली के निचले हिस्से पर बुरा असर पड़ने लगता है. इसकी वजह से अल्सर की समस्या हो सकती है.
4- खड़े होकर खाना खाने से हमारे पैरों और कमर पर भी बुरा असर पड़ता है. ऐसे में इनमें दर्द होने लगता है. इसके अलावा जब हम खड़े होकर भोजन करते हैं, तो हमारा माइंड रिलेक्स नहीं हो पाता. ऐसे में ये आदत चिड़चिड़ापन बढ़ाती है.
5- कुछ लोगों का ये भी मानना है कि खड़े होकर खाना खाने से किडनी की समस्या और स्टोन होने की आशंका काफी बढ़ जाती है.
खाना हमेशा जमीन पर पालथी लगाकर खाना चाहिए. साथ ही छोटे-छोटे निवाले को अच्छी तरह चबाकर खाना चाहिए. दरअसल खाना ही हमारे शरीर को जीने की शक्ति प्रदान करता है. हमारे पूर्वजो नें जमीन पर पालथी लगाकर खाना खाने की जो परंपरा बनाई थी, उसके पीछे कोई गहरी सोच थी. जब पालथी लगाकर जमीन पर हम बैठते हैं तो एक विशेष योगासन की अवस्था में होते हैं, जिसे सुखासन कहा जाता है.सुखासन से स्वास्थ्य संबंधी वे सभी लाभ प्राप्त होते हैं जो पद्मासन से प्राप्त होते हैं. पाचन क्रिया दुरुस्त होती है, मन एकाग्र रहता है और खाने के पोषक तत्व हमारे शरीर में ठीक से पहुंचते हैं. इससे पेट भी भरता है और संतुष्टि भी मिलती है.
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