August 30, 2021 12:57 pm
भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव को भारत में जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है. इसे भारत के असाला विदेशों में भी काफी धूम-धाम से मनाया जाता है | इस दिन लोग पूरा दिन व्रत रखते हैं और रात के 12 बजे भगवान श्री कृष्ण की पूजा करते हैं | इस साल जन्माष्टमी का पर्व 30 अगस्त को मनाया जाएगा | इस दिन श्री कृडष्ण की पूजा अर्चना करने से आपको उनका खास आशीर्वाद मिलता है | ऐसे में अगर आप भी इस जन्माष्टमी पर भगवान को प्रसन्न करके उनका आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो पूजा के समय कुछ बातों का जरूर ध्यान रखें |
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भाद्र मास के कृष्ण कृष्ण पक्ष की अष्टमी को भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था |
एक जन्माष्टमी का व्रत हजार एकादशी व्रत रखने के पुण्य की बराबरी का है। अगर आप एकादशी के व्रत नहीं कर पाते हैं तो जन्माष्टमी का व्रत करके पुण्य कमा सकते हैं।
जन्माष्टमी के दिन रात के 12 बजे नार वाले खीर से भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप का जन्म कराएं| नार वाले खीर को देवकी मां के गर्भ का प्रतीक माना जाता है
श्री कृष्ण के जन्म के बाद उनका शंख में दूध डालकर अभिषेक करें
– अभिषेक करने के बाद कान्हा को नए वस्त्र पहनाएं | और झूले में बिठाएं |
– जन्माष्टमी के दिन किसी धार्मिक स्थान पर जाकर अनाज, फल आदि चीजें दान करें |
– घर में नन्हें कान्हा के लिए बांसुरी और मोरपंख लाकर रखें | पूजा के दौरान इसे कान्हा को अर्पित करें |
– जन्माष्टमी के दिन कान्हा को मिश्री और माखन का भोग लगाएं. पूजा में तुलसी का इस्तेमाल जरूर करें.
– इस दिन गाय-बछड़े की प्रतिमा घर लेकर आएं और पूजा के स्थान पर रखें.
– इस दिन भगवान तो पीला चंदन लगाएं और पीले वस्त्र पहनाएं.
2024. All Rights Reserved