Jalandhar, March 02, 2023
भारतीय सेना के जवान की पहचान 25 वर्षीय सचिन पुत्र देव सरूप के रूप में हुई है। सचिन हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर के अंतर्गत गांव नबाल के रहने वाले हैं। वह एक महीने की छुट्टी के बाद जम्मू में ड्यूटी पर लौट रहे थे। वह अंबाला से ट्रेन में सवार हुआ था और घटना टांडा में हुई।
सिपाही सचिन ने अपने बयान में कहा है कि वह रात एक बजे ट्रेन में चढ़ा। ट्रेन में कुछ लुटेरे भी थे। वे सो रहे लोगों के सामान की जांच कर रहे थे। वे भी सामान चेक करने के दौरान उसके पास आ गए। वह उस समय सो रहा था। जब उनके सामान की जांच होने लगी तो उनकी आंखें खुल गईं। उनके बारे में पूछा तो मारपीट करने लगे।
उन्होंने सामान ले जाने का प्रयास किया तो वह फंस गया। इसी बीच लुटेरे के 2 साथी और आ गए। उन्होंने उसके दोनों हाथ पकड़ लिए। इसके बाद तीसरे ने उसके सिर पर किसी चीज से जोर से वार कर दिया। चोट लगने के बाद वह बेहोश हो गया।
इसके बाद लुटेरों ने उसे टांडा के पास चल रही ट्रेन से फेंक दिया। जब उसे होश आया तो वह टांडा स्थित एक गौशाला में पहुंचा। गौशाला के लोगों ने सिपाही को तुरंत सिविल अस्पताल टांडा पहुंचाया, जहां से उसे होशियारपुर रेफर कर दिया गया।
सचिन टांडा जैसे ही अस्पताल पहुंचे, अस्पताल के डॉक्टरों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर सचिन से यूनिट व मकान का नंबर लिया और घटना की जानकारी दी। सूचना मिलते ही परिजन घर से पहुंच गए हैं। लुटेरों ने सचिन का पर्स, वर्दी, सेना का पहचान पत्र समेत अन्य सामान लूट लिया है।
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