Jalandhar, February 26, 2023
कई धर्मों में दान को सबसे बड़ा पुण्य माना गया है। लेकिन ऐसा बहुत कम होता है कि कोई व्यक्ति दान में मिले धन को ही दान कर दे। कुछ ऐसा ही तमिलनाडु के एक भिखारी ने किया।
उन्होंने मुख्यमंत्री राहत कोष में करीब 50 लाख रुपए दान कर एक मिसाल कायम की है। बता दें कि 72 वर्षीय पूलपंडियन ने यह राशि सीएम राहत कोष में दान की है।
तमिलनाडु के थूथुकुडी जिले के निवासी पूलपांडियन ने मई 2020 में भी मुख्यमंत्री राहत कोष में 10,000 रुपये का दान दिया था। पूलपंडियन ने CNN News 18 को बताया कि वह सिंगल हैं और उन्हें भीख के रूप में मिलने वाले पैसों की ज्यादा जरूरत नहीं है।
पूलपंडियन का कहना है कि मेरा कोई परिवार नहीं है, मैं प्रदेश के हर जिले में जाकर भीख मांगकर पैसा बटोरता हूं।फिर वहां से जाने से पहले मैं जिला कलेक्टर कार्यालय जाता हूं और गरीबों की मदद के लिए पैसे दान करता हूं। बुजुर्ग का कहना है कि मैंने 5 साल के दौरान करीब 50 लाख रुपए दान किए हैं।
कहा जाता है कि पुलपांडियन का पहले बड़ा परिवार था। वह अपनी पत्नी और दो बेटों के साथ रहता था। 1980 में वे मुंबई चले गए। वहां उन्होंने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए एक छोटा सा काम शुरू किया। हालांकि, संसाधनों की कमी और खराब हालात के चलते उनकी पत्नी सरस्वती की 24 साल पहले मौत हो गई थी।
अपनी पत्नी को खोने के बाद, पूलपंडियन ने अपने बच्चों की परवरिश की और तमिलनाडु लौटने से पहले उनकी शादी कर दी। हालांकि, इसके बाद दोनों बच्चों ने पूलपंडियन का साथ नहीं दिया और उन्हें मजबूर होकर भीख मांगनी पड़ी।
वह कहते हैं कि मुझे भीख मांगनी पड़ी क्योंकि मेरे बेटों ने मेरी देखभाल करने से इनकार कर दिया। इसके बाद उन्होंने पैसे बचाना शुरू किया और स्कूलों, कोविड-19 राहत कोष और मुख्यमंत्री राहत कोष में दान करते रहे।
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