Jalandhar, April 07, 2023
केंद्र सरकार पंजाब सहित उत्तर भारतीय राज्यों में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण गेहूं की फसल को नुकसान झेलने वाले गेहूं किसानों को मौजूदा खरीद सीजन के दौरान बड़ी राहत देने पर विचार कर रही है। इसके तहत गेहूं की नमी और दानों के रंग व आकार को लेकर मानकों में ढील देने पर विचार किया जा रहा है। यह जानकारी केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने गुरुवार को नई दिल्ली में दी।
उन्होंने कहा है कि फसलों पर खराब मौसम के प्रभाव के बावजूद, केंद्र सरकार को वर्ष 2022-23 (जुलाई से जून) के दौरान देश में रिकॉर्ड 112.1 मिलियन टन गेहूं उत्पादन की उम्मीद है, जैसा कि अब तक प्राप्त जानकारी के अनुसार है। फसल को नुकसान, बारिश, हवा और ओलावृष्टि से सिर्फ 8-10 फीसदी गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा है। गौरतलब है कि फसल वर्ष 2021-22 के दौरान रिकॉर्ड तोड़ गर्मी के कारण देश में गेहूं का उत्पादन अनुमानित 109.59 मिलियन टन से घटकर 107.74 मिलियन टन रह गया। चोपड़ा का कहना है कि इस बार बेमौसम बारिश के कारण पिछले साल जैसी स्थिति हो गई है।
पंजाब की मंडियों में एक अप्रैल से शुरू हुई गेहूं की खरीद फिलहाल एफसीआई द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुसार चल रही है और केंद्र सरकार के किसानों को राहत देने के फैसले का इंतजार है। वर्तमान में गेहूं में नमी की मात्रा 12 प्रतिशत निर्धारित है और 12-14 प्रतिशत नमी वाले गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य कम किया जा रहा है।
इसके साथ ही सरकारी एजेंसियां 14 प्रतिशत से अधिक नमी वाले गेहूं की खरीद नहीं कर रही हैं। जिला आपूर्ति नियंत्रक द्वारा सभी मंडियों में किसानों से गेहूं को सुखाकर मंडियों में लाने की अपील की जा रही है, ताकि उसका पूरा मूल्य मिल सके।
पंजाब में वर्ष 2022-23 के लिए 34.90 लाख हेक्टेयर से अधिक में गेहूं की बुवाई की जा चुकी है। कृषि विभाग ने पिछले सप्ताह 180-185 लाख टन उत्पादन के साथ बंपर फसल की भविष्यवाणी की थी, लेकिन बेमौसम बारिश, हवा और ओलावृष्टि से पंजाब के कई हिस्सों में 1.5 लाख हेक्टेयर से अधिक गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा है। रोपित क्षेत्र का 40 प्रतिशत से अधिक।
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