Jalandhar, April 23, 2023
पंजाब में मकानों, गलियों, नालों आदि के अनुदान खाने की शिकायतों के बाद पंचायत विभाग बड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है क्योंकि अब शहरों में नगर निगम, नगर परिषद जैसी पंचायतों का विशेष ऑडिट होगा। विभाग के मुताबिक पहली बार पंचायतों का शत प्रतिशत ऑडिट होगा। इससे पहले कभी भी पंचायतों का शत प्रतिशत ऑडिट नहीं हुआ है। हर पंचायत के ग्राम इजला बुलाने के बाद पंचायत विभाग का यह दूसरा बड़ा फैसला है।
ऑडिट के दौरान गड़बड़ी पाए जाने पर पहले पंचायत विभाग और बाद में विजिलेंस जांच करेगा। ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के निदेशक गुरप्रीत सिंह खैरा ने कहा कि पहले शिकायत मिलने पर ही घोटाले का पता चलता था। अब ऑडिट में ही तस्वीर साफ हो जाएगी। दरअसल, लोगों की शिकायतों की जांच पहले भी हो चुकी है। जांच में छोटे-मोटे दोषियों को ही जिम्मेदार ठहराया जाता है। वयस्कों पर मुकदमा नहीं चलाया जाता क्योंकि वे अपनी रक्षा के लिए अपने दृष्टिकोण का उपयोग करते हैं।
पंचायत विभाग ने पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, चरनजीत सिंह चन्नी व पूर्व मंत्रियों के विधानसभा क्षेत्रों में विकास कार्यों में गड़बड़ी की शिकायतों को लेकर सबसे पहले 46 ब्लॉक पंचायतों की जांच की।इस पड़ताल में कई खुलासे हुए, जिसके बाद पूरे प्रदेश की पंचायतों का ऑडिट होगा।
पंचायत अनुदान में घोटालों के मामले अक्सर अदालतों में पहुंच रहे हैं, लेकिन इनमें से ज्यादातर ऐसे मामले हैं, जो शिकायतों के आधार पर दर्ज किए गए हैं।अब हर पंचायत का ऑडिट होगा। इसमें यह स्पष्ट होगा कि पंचायत को कितना अनुदान आया, कहां खर्च हुआ और कितना घोटाला हुआ है।
पंजाब में 450 से अधिक पंच सरपंचों और पंचायत सचिवों के खिलाफ घोटाले की शिकायतों की जांच कर रहे हैं। कई मामलों में गिरफ्तारियां भी हुई हैं। ज्यादातर शिकायतें पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान हुए घोटालों से संबंधित हैं। विजिलेंस भी कई पंचायतों में जांच कर रही है। सबसे ज्यादा मामले मालवा से हैं। कई मामलों में जब बड़े घोटाले हुए तब भी पंच स्तर के लोगों को जिम्मेदार बनाया गया, बड़े लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
पंचायत विभाग पंचायतों को ऑडिट के साथ-साथ अनुदानों का रिकॉर्ड रखने का प्रशिक्षण भी देगा। अनुदान विधेयक का मसौदा कैसे तैयार करना है, कब और किसे वोट देना है, बैठक कब होगी। यह सारी जानकारी अब हर पंचायत की होगी।
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