jalandhar, February 19, 2021 7:44 pm
अगर आपका पीएफ अकाउंट है तो यह खबर आपके लिए काफी अहम है. दरअसल, अब कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने पीएफ अकाउंट्स को लेकर नई गाइडलाइंस जारी कर दिया है. नई गाइडलाइंस के हिसाब से आपको मुश्किलों का सामना भी करना पड़ सकता है, क्योंकि जो काम आप घर बैठे ऑनलाइन माध्यम से कर रहे थे, उन कामों के लिए आपको पीएफ ऑफिस में अपने कागज दिखाने ही होंगे. इसके बाद ही आपकी रिक्वेस्ट पूरी हो जाएगी.
नए नियमों के अनुसार, अब पीएफ अकाउंट से जुड़े नॉर्मल काम तो ऑनलाइन माध्यम से कर पाएंगे, लेकिन आपकी प्रोफाइल यानी अकाउंट को लेकर कोई बदलाव है तो उसके लिए आपको ऑनलाइन माध्यम से पीएफ जमा करवाने में दिक्कत हो सकती है. ऐसे में जानते हैं कि वो कौन-कौन से काम हैं, जिन्हें आप घर पर ऑनलाइन माध्यम से पूरा नहीं कर सकते हैं…
दरअसल, ईपीएफओ ने पीएफ खातों (PF Accounts) की सिक्योरिटी को लेकर ये कदम उठाए हैं. पीएफ खाते को लेकर केवाईसी (KYC) के नाम पर फ्रॉड कर पैसे निकालने के कई मामले सामने आए हैं. इससे निपटने के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने नियमों को सख्त करने का फैसला किया है और इसके लिए गाइडलाइंस जारी की है.
ईपीएफओ अब अपने मेंबर्स को ऑनलाइन नाम बदलने और प्रोफाइल में बड़े बदलाव करने की अनुमति नहीं देगा. EPFO का मानना है कि ऑनलाइन नाम बदलने से रिकॉर्ड में मिसमैच होता रहता है, इसकी वजह से फ्रॉड होने की संभावना बढ़ जाती है. इसके बाद इन फ्रॉड्स पर रोक लगाने के लिए ईपीएफओ की ओर से ये कदम उठाया गया है. अब नाम में बदलाव के लिए कागजी डॉक्यूमेंट देने होंगे, जिसके बाद ही कोई बदलाव किया जा सकेगा.
पीएफ अकाउंट में नाम, बर्थ डेट, नॉमिनी, पता, पिता या पति के नाम में बड़े बदलाव नियोक्ता और अंशधारकों के कागजी प्रूफ को देखने के बाद ही होंगे. KYC में ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड में बदलाव को तभी जायज माना जाएगा, जब अंशधारक के दस्तावेज अपलोड होंगे.
ईपीएफओ की गाइडलाइंस के अनुसार, छोटे और बड़े बदलावों को बांट दिया है. अगर किसी नाम, उपनाम में बिना पहला लेटर बदले सुधार किया जाता है तो इसे छोटा बदलाव माना जाएगा. अगर मिडिल नाम या शादी के बाद सरनेम में बदलाव करना है तो आधार कार्ड में दिए गए नाम के आधार पर ही बदलाव होगा. लेकिन नाम में पूरा बदलाव करने की अनुमति नहीं होगी और बड़े बदलाव में पूरा नाम बदलना शामिल है. इस संबंध में EPFO ने क्षेत्रीय कार्यालयों और मेंबर संस्थाओं को एक सर्कुलर जारी किया है. इस सर्कुलर में स्पष्ट कहा गया है कि वे किसी कागजी प्रुफ के बिना किसी भी कर्मचारी के रिकॉर्ड में सुधार नहीं करें.
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