jalandhar, January 23, 2021 8:44 pm
कोरोना वायरस महामारी पर चीन लगातार घिरता रहा है। उस पर महामारी को लेकर कई अहम जानकारियों को छिपाने जैसे गंभीर आरोप लगते आए हैं। पहले से ही कई मोर्चों पर घिरे चीन को अब कोरोना वैक्सीन पर भी झटका लगा है। ब्राजील, कंबोडिया जैसे देशों ने, जिन्होंने चीन से या तो टीका खरीद लिया था या फिर उन्हें ऑफर किया गया था, भारत का रुख किया है। ये देश भारत की एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की मांग कर रहे हैं। मालूम हो कि चीन की कोरोना वैक्सीन के सुरक्षित होने पर भी सवाल खड़े होते रहे हैं। कोरोना वैक्सीन की कमर्शियल सप्लाई और अनुदान सहायता के लिए भारत को लगातार अनुरोध मिल रहे हैं। यह तब से और बढ़ गया, जबसे नई दिल्ली ने सात पड़ोसी देशों के लिए कोविशील्ड की 50 लाख खुराकें निकाली हैं। इस वैक्सीन को भारत की सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की मदद से बनाया गया है।
भारत ने ब्राजील को कमर्शियल सप्लाई के रूप में शुक्रवार को टीकों के 20 लाख डोज दिए। वहां एस्ट्राजेनेका वैक्सीन और सिनोवैक के कोरोनावैक वैक्सीन के बीच राष्ट्रपति जायर बोल्सनारो और कई राज्यपालों के बीच मतभेद हैं। इसमें साओ पाउलो के गवर्नर जोआओ डोरिया भी शामिल हैं, जिन्हें साल 2022 की राष्ट्रपति पद की दौड़ के लिए बोल्सनारो के मुख्य प्रतिद्वंद्वी के रूप में देखा जा रहा है। बोल्सनारो ने 8 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोविशिल्ड की 20 लाख खुराकों को भेजने में तेजी लाने के लिए लिखा था क्योंकि, उन्हें उसी सप्ताह राष्ट्रपति महल से टीकाकरण अभियान शुरू करने की उम्मीद थी। हालांकि, उस समय भारत को अपना टीकाकरण अभियान शुरू करना था और अधिकारी वैक्सीन अनुदान और कमर्शियल सप्लाई शुरू करने को लेकर काम कर रहे थे।
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