jalandhar, December 24, 2021 1:34 pm
हिंदू धर्म में कन्यादान सबसे बड़ा दान माना जाता है। मान्यताएं हैं कि कन्यादान करने का सौभाग्य भी भाग्यशाली माता पिता को ही मिलता है। भारत में कन्यादान की रस्म सदियों से निभाई जा रही है, जिसमें एक पिता अपनी बेटी को उसके जीवनसाथी के हाथों सौंप देता है। मगर, हाल ही में एक महिला खूब चर्चा में है क्योंकि उन्होंने कन्यादान की रस्म करने से मना कर दिया।
मध्य प्रदेश, नरसिंहपुर के जोबा गांव की रहने वाली IAS अधिकारी तपस्या परिहार हाल ही में IFS अधिकारी गर्वित गंगवार के साथ शादी के बंधन में बंधी। मगर, उन्होंने अपनी शादी में कन्यादान की रस्म नहीं होने दी और हम सभी के लिए एक मिसाल कायम की है। उन्होंने अपने पिता से कहा 'मैं कोई दान करने की चीज नहीं हूं, मैं आपकी बेटी हूं।'
IAS तपस्या का मानना है कि सही व्यक्ति आपको वह करने देगा जो आप वास्तव में जीवन में करना चाहते हैं। शादी दो लोग नहीं बल्कि दो परिवार करते हैं। इसमें छोटा-बड़ा या ऊंचा-नीचा नहीं होना चाहिए। किसी का दान क्यों करना चाहिए। जब मेरी शादी की तैयारियां शुरू हुई तो मैंने कन्यदान की रस्म करने से मना कर दिया।
यही नहीं, उनके पति IFS ऑफिसर गर्वित गंगवार का कहना है कि शादी के बाद किसी भी लड़की को बदलना नहीं बदलना चाहिए। बात चाहे मांग भरने की हो या किसी ओर परंपरा की। सिर्फ लड़की ही क्यों साबित करें कि वो शादीशुदा है। ऐसी रस्में लड़के के लिए क्यों लागू नहीं होती। हमें ऐसी मान्यताओं को धीरे-धीरे दूर करने में सहयोग देना चाहिए।।
मध्य प्रदेश में जन्मीं तपस्या ने केंद्रीय विद्यालय से स्कूली शिक्षा पूरी की। उन्होंने 10वीं और 12वीं दोनों ही क्लास में टॉप किया था। इसके बाद उन्होंने पुणे के इंडियन लॉ सोसायटी कॉलेज से लॉ की डिग्री हासिल की। दिल्ली में रहकर उन्होंने UPSC एग्जाम की तैयारी की लेकिन वह असफल रहीं। इसके बाद उन्होंने दूसरी कोशिश की, जिसमें उन्होंने 23वां रैंक हासिल किया। तपस्या के पिता विश्वास परिहार एक किसान और माता ज्योति परिहार एक सरपंच हैं। उन्होंने बचपन से ही तपस्या को बहुत लाड़-प्यार से पाला। उन्हें सबसे ज्यादा प्यार और सपोर्ट दादी से मिला।
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