jalandhar, February 09, 2021 7:35 pm
उत्तराखंड के चमोली जिले में रविवार को फ्लैश फ्लड क्यों आई? साइंटिफिक टीमों ने अभी तक इस बारे में अपनी जांच शुरू नहीं की है। राहत और बचाव कार्य भी अबतक पूरा नहीं हो सका है। इस बीच सामने आए नए सबूत इशारा करते हैं यह आपदा शायद हिमस्खलन या लैंडस्लाइड्स के चलते आई रुकावटों से बने अस्थायी तालाब या झील में दरार पड़ने से आई। तकनीकी रूप से इसे लैंडस्लाइड लेक आउटबर्स्ट फ्लड (Landslide Lake Outburst Flood) कहते हैं। आइए विस्तार से समझते हैं कि ये आपदा आखिर आई कैसे।
घटना पर नजर बनाए हुए साइंटिस्ट्स ने सैटलाइट तस्वीरों का अध्ययन किया है। रॉयल कनैडियल जियोग्रैफिकल सोसायटी के डॉ डैन शूगर ने प्लैनेट लैब्स की सैटलाइट इमेजेज में एक खास चीज नोट की। इसके मुताबिक, रैंणी गांव के पास एक पहाड़ पर जमी बर्फ का एक बड़ा हिस्सा रविवार को गिर गया और शायद वही फ्लैश फ्लड की वजह बना। जो हिमस्खलन हुआ उससे नदियों में करीब 3 से 4 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी पहुंचा।
'ग्लेशियर टूटने से नहीं, बर्फ पिघलने से आई बाढ़'
देहरादून स्थित वाडिया इंस्टिट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी ने भी इस घटना की शुरुआती जांच की है। वहां ग्लेशियोलॉजी ऐंड हाइड्रोलॉजी डिविजल के हेड संतोष राय ने द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, "सैटलाइट इमेजिंग के जरिए हमारी शुरुआत जांच इशारा करती है कि बाढ़ की वजह बर्फ पिघलना रही, ग्लेशियल लेक का फटना नहीं। हमें इस बारे में और जांच की जरूरत है। हमने वैज्ञानिकों की दो टीमें साइट पर भेजी हैं और जांच पूरी होने पर हमारे पास पुख्ता जानकारी होगी।"
ग्लेशियर में कोई झील तो थी ही नहीं
सैटलाइट तस्वीरों के सामने आने से पहले यह माना जा रहा था कि बाढ़ ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड की वजह से आई या फिर ग्लेशियर के मुहाने पर बनने वाली एक झील में दरार पड़ने से। मगर वैज्ञानिकों को इस बात की जानकारी नहीं थी कि ऐसी कोई झील उस इलाके में मौजूद थी। ऐसे में इस थिअरी पर सवाल उठ रहे थे। हालांकि बाढ़ किस वजह से आई, इस बारे में अभी संभावनाएं ही जताई जा रही हैं। कन्फर्म वजह का पता तो जांच पूरी होने के बाद ही चलेगा।
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