jalandhar, December 30, 2021 5:15 pm
देश में ओमिक्रोन वैरिएंट के कारण कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इस बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी है कि पिछले 33 दिनों बाद देश में फिर से 10 हजार से ज्यादा मामले रिपोर्ट होने शुरू हुए हैं। देश में पिछले सप्ताह औसतन आठ हजार से अधिक मामले प्रति दिन दर्ज किए गए। कुल मिलाकर मामले की पाजिटिविटी रेट 0.92 फीसद है। 26 दिसंबर के बाद से देश में रोजाना 10 हजार मामले सामने आ रहे हैं।
मामलों में तेज वृद्धि को देखते हुए कड़े एहतियात बरतने की जरूरत है। यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने स्वास्थ्य मंत्रालय की डेली ब्रीफिंग में दी। उन्होंने आगे बताया कि महाराष्ट्र और केरल में 10,000 से अधिक सक्रिय मामले हैं। केरल में 21हजार 145 और महाराष्ट्र में 17 हजार 573 एक्टिव केस हैं।
लव अग्रवाल ने आगे जानकारी दी कि महाराष्ट्र में 9 दिसंबर के हफ्ते में पाजिटिविटी 0.76 फीसद थी, वो एक महीने में बढ़कर लगभग 2.59 फीसद हो गई है। पश्चिम बंगाल में भी 1.61 फीसद केस पाजिटिविटी अब बढ़कर लगभग 3.1फीसद हो गई है।मिजोरम के 6 जिलों, अरुणाचल प्रदेश के एक जिले, पश्चिम बंगाल के कोलकाता सहित 8 जिलों में 10 फीसद से अधिक की विकली पाजिटिविटी रेट नोट की जा रही है। 14 जिलों में साप्ताहिक मामले की पाजिटिविटी रेट 5-10 फीसद के बीच है।
लव अग्रवाल ने जानकारी दी कि देश में अबतक ओमिक्रोन वैरिएंट के 961 मामले सामने आ गए हैं। इनमें से 320 मरीज ठीक हो गए हैं। पूरी दुनिया में 121 देशों में एक महीने में ओमिक्रोन के 3,30,000 से ज़्यादा मामले और कुल 59 मौतें रिपोर्ट की गई हैं। दक्षिण अफ्रीका में मामलों में बढ़ोतरी के बाद अब फिर से कमी दर्ज़ की जा रही है। कोरोना टीकाकरण को लेकर उन्होंने कहा कि भारत में लगभग 90 फीसद वयस्क आबादी को पहली खुराक दी जा चुकी है।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक डा. बलराम भार्गव ने कहा कि टीकाकरण से पहले और बाद में मास्क का उपयोग जरूरी है और सामूहिक समारोहों से बचना चाहिए। कोरोना वायरस के पहले और वर्तमान के स्ट्रेन के लिए उपचार दिशानिर्देश समान हैं। होम आइसोलेशन एक महत्वपूर्ण है। कोरोना सभी टीके, चाहे वे भारत, इजरायल, अमेरिका, यूरोप, ब्रिटेन या चीन के हों, मुख्य रूप से रोग-संशोधित होते हैं। वे संक्रमण को नहीं रोकते हैं। प्रीकाशनरी डोज मुख्य रूप से संक्रमण, अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु की गंभीरता को कम करने के लिए है।
2024. All Rights Reserved