Jalandhar, March 31, 2023
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को सफदरजंग अस्पताल के न्यूरोसर्जन मनीष रावत और उनके चार सहयोगियों को गिरफ्तार किया। उन पर ऑपरेशन के नाम पर मरीजों से पैसे ऐंठने का आरोप है।शिकायत के मुताबिक, मरीजों को सर्जरी से पहले कथित तौर पर एक विशेष स्टोर से अत्यधिक कीमतों पर शल्य चिकित्सा उपकरण खरीदने के लिए मजबूर किया गया था।
न्यूरोसर्जन मनीष रावत को गुरुवार तड़के गिरफ्तार कर लिया गया। सीबीआई ने दिल्ली और उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर छापेमारी कर इस मामले में मिलीभगत का पर्दाफाश किया। सीबीआई ने न्यूरोसर्जन रावत के अलावा उनके चार सहयोगियों को भी रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के मामलों में गिरफ्तार किया है। इनमें नई दिल्ली में कनिष्क सर्जिकल के मालिक दीपक खट्टर और बिचौलिए अवनीश पटेल, मनीष शर्मा और कुलदीप शामिल हैं। गिरफ्तारी के बाद गुरुवार सुबह रावत का सफदरजंग अस्पताल में मेडिकल परीक्षण कराया गया। सीबीआई ने रावत पर अस्पताल के स्थापित मानदंडों का उल्लंघन करते हुए अपने सहयोगियों के साथ मिलकर चिकित्सा परामर्श और शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं के लिए मरीजों से धन उगाही करने का आरोप लगाया ।
एजेंसी की जांच में खुलासा हुआ है कि बरेली निवासी गणेश चंद्रदक्तर और उसके सहयोगी सीबीआई द्वारा नियंत्रित विभिन्न कंपनियों के जरिए अवैध धन को सफेद करते थे। सर्जरी से पहले न्यूरोसर्जन रावत के निर्देशानुसार मरीजों को एक बिचौलिए के बैंक खाते में 30 हजार रुपये से लेकर 1.15 लाख रुपये तक रिश्वत के रूप में जमा कराया गया। बाद में गिरोह के सदस्य इसे बांट देते थे। रिश्वत के रूप में जमा किए 15 लाख रावत की ओर से मरीजों के परिजनों से संपर्क करते थे। सर्जरी के लिए जल्द से जल्द तारीख सुनिश्चित करने के लिए उन्हें जंगपुरा में खट्टर के स्टोर से आवश्यक सर्जिकल उपकरण खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ा।
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