jalandhar, January 06, 2023
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह फैसला लिया है कि एक तलाकशुदा मुस्लिम महिला अपने पूर्व पति से भरण-पोषण की हकदार है जब तक वह दूसरी शादी नहीं कर लेते। निचली अदालत के आदेश में गुजारा भत्ता के भुगतान के लिए एक निर्धारित समय सीमा तय की गई थी जिसे उच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया ।
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