Jalandhar, April 05, 2023
पिछले महीने, ट्विटर ने घोषणा की कि कंपनी 1 अप्रैल के बाद सभी के खातों से लीगेसी चेकमार्क हटा देगी। यानी फ्री वालों को ब्लू टिक अकाउंट से हटा दिया जाएगा और इसके लिए लोगों को अब ट्विटर ब्लू का सब्सक्रिप्शन लेना होगा। लेकिन 4 अप्रैल तक भी लिगेसी चेकमार्क नहीं हटाया गया है। कुछ लोगों ने अकाउंट से तो निकाल भी दिया है तो कंपनी ने मैनुअली किया है।
दरअसल, कंपनी आपसे एक बार में फ्री ब्लू टिक नहीं मांग सकती थी। हम नहीं, बल्कि वाशिंगटन की एक रिपोर्ट कहती है कि कंपनी के पास संयुक्त 4.2 लाख लीगेसी खातों से चेकमार्क हटाने के लिए कोई आंतरिक तकनीक नहीं है। यानी ट्विटर के इंटरनल कोड में ऐसा कोई कोड नहीं है जो एक साथ सारे चेकमार्क हटा दे। कंपनी को यह काम भी मैनुअली करना होगा और एक-एक करके सभी के अकाउंट से ब्लू टिक हटाना होगा।
एक रिपोर्ट के अनुसार, अगर ट्विटर वेरिफिकेशन सिस्टम में कोई बदलाव करता है और लीगेसी चेकमार्क को एक साथ हटाता है, तो प्लेटफॉर्म को नुकसान हो सकता है। सत्यापन प्रणाली को बदलने से, अनुशंसित ट्वीट्स, स्पैम फ़िल्टर और स्वास्थ्य केंद्र आदि के एल्गोरिथ्म में समस्या हो सकती है और वेबसाइट डाउन हो सकती है।
लिगेसी चेकमार्क हटाने की घोषणा के बाद अब अगर आप ट्विटर पर किसी का अकाउंट चेक करते हैं और नीले रंग के चेकमार्क पर क्लिक करते हैं तो आपको एक अजीबोगरीब मैसेज दिखाई देगा।अजीब है क्योंकि यह कहता है कि या तो खाते को लीगेसी चेकमार्क से सत्यापित किया गया है या उपयोगकर्ता ने इसके लिए भुगतान किया है। ऐसे में अगर लोगों ने ब्लू टिक को पैसे देकर खरीदा है तो लेगेसी चेकमार्क वाला मैसेज देखकर उन्हें जरूर अजीब लगेगा। भारत में कंपनी ट्विटर ब्लू के लिए वेब यूजर्स से 650 रुपये और आईओएस और एंड्रायड यूजर्स से 900 रुपये प्रति माह वसूल रही है।
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