Jalandhar, April 07, 2023
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और इंटरनेट पर अन्य वेबसाइटों को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) द्वारा 'फेक न्यूज' घोषित किए गए ऐसे लेख या अन्य सामग्री को तत्काल प्रभाव से हटाया जाए। पीआईबी ऐसे पोस्ट के लिए संबंधित प्लेटफॉर्म को अलर्ट करेगा। आईटी मंत्रालय ने गुरुवार को नए नियमों को मंजूरी दे दी, जिसके तहत पीआईबी फेसबुक, ट्विटर, गूगल को केंद्र सरकार के खिलाफ झूठी, गलत या भ्रामक खबरों की तथ्य-जांच करने और हटाने के लिए कह सकता है। ऐसा नहीं करने पर उन्हें नियमों के तहत कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
आईटी नियम, 2021 में यह बदलाव 'सूचना प्रौद्योगिकी संशोधन नियम, 2023' के जरिए किया गया है। इन बदलावो को मंत्रालय ने 6 अप्रैल, 2023 की शाम को अधिसूचित भी कर दिया है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, पीआईबी की फैक्ट चेकिंग टीम संबंधित सरकारी विभागों से संपर्क कर उनकी राय लेगी कि खबर फर्जी है या नहीं और उसी के अनुसार आगे का फैसला लिया जाएगा। अगर कंपनियां पीआईबी की तथ्य-जांच टीम के आदेशों का पालन करने से इनकार करती हैं, तो वे अपनी 'सेफ हार्बर इम्युनिटी' खो देंगी, जो उन्हें अपने प्लेटफॉर्म पर उपयोगकर्ताओं द्वारा पोस्ट की गई किसी भी धोखाधड़ी या झूठी सामग्री से सुरक्षा की गारंटी देता है।
आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने गुरुवार को एक प्रेस वार्ता में इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा है कि इस कदम का मकसद मीडिया को सेंसर करना नहीं है, बल्कि किसी भी फर्जी या भ्रामक जानकारी को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फैलने से रोकना है। केंद्रीय मंत्री के अनुसार, पीआईबी में फिलहाल कोई फैक्ट चेकिंग यूनिट नहीं है और इसे नए नियमों के मुताबिक बनाने की जरूरत होगी।राजीव चंद्रशेखर के अनुसार पीआईबी फैक्ट चेक यूनिट की जवाबदेही भी तय की जाएगी और उसकी कार्यप्रणाली भी तैयार की जाएगी।उन्होंने कहा है कि गलत सूचनाओं से निपटने के लिए केंद्र सरकार का यह स्पष्ट और ईमानदार प्रयास है।
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