Jalandhar, April 06, 2023
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद सत्येंद्र जैन को दिल्ली हाई कोर्ट ने एक बार फिर उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा है कि, चूंकि याचिकाकर्ता एक प्रभावशाली व्यक्ति है और मामले में सीधे तौर पर आरोपी है, जो जांच की निष्पक्षता को प्रभावित करने की क्षमता रखता है, इसलिए हम उसे जमानत नहीं दे सकते।
जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा की बेंच ने सत्येंद्र जैन, अंकुश जैन और वैभव जैन की जमानत याचिका खारिज कर दी। याचिका को खारिज करते हुए बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ता एक प्रभावशाली व्यक्ति है और जांच और सबूतों की निष्पक्षता के साथ छेड़छाड़ करने की क्षमता रखता है, इसलिए अदालत उसे जमानत नहीं दे सकती है। पिछले महीने 21 मार्च को इसी पीठ ने बचाव पक्ष और सरकारी वकील की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। दलीलों के दौरान प्रवर्तन निदेशालय की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू अदालत में पेश हुए। उन्होंने अदालत में जिरह के दौरान कहा है कि सत्येंद्र जैन और अन्य सह आरोपियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला पूरी तरह स्पष्ट है, इसलिए उन्हें जमानत नहीं दी जानी चाहिए।
कोर्ट में अपनी जमानत याचिका में जैन ने कहा है कि मैं 7 बार ईडी के सामने पेश हुआ और मैंने उनका सहयोग किया और जांच में हिस्सा लिया, फिर भी मुझे गिरफ्तार कर लिया गया।उच्च न्यायालय में दायर याचिका पर जैन ने कहा, निचली अदालत ने उनके पक्ष को गंभीरता से नहीं सुना और उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों को पीएमएलए के तहत दंडनीय अपराध नहीं बनाया जाना चाहिए। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने जैन की याचिका खारिज करते हुए कहा है कि आरोपी सत्येंद्र जैन ने गलत तरीके से कमाए गए लाभ को पाने के लिए जानबूझकर मनी लॉन्ड्रिंग की है।
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