Jalandhar, March 01, 2023
दिल्ली के कैबिनेट मंत्री मनीष सिसोदिया और सतिंदर जैन ने इस्तीफा दे दिया है। यह इस्तीफा ऐसे समय में दिया गया है जब दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को भ्रष्टाचार और आबकारी नीति में धांधली के आरोप में रविवार को गिरफ्तार किया गया था।
बता दें कि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से उस वक्त बड़ा झटका लगा जब सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इस स्तर पर हस्तक्षेप नहीं कर सकता है। इसके साथ ही कोर्ट ने सिसोदिया को हाईकोर्ट में याचिका दायर करने की सलाह दी है। मनीष सिसोदिया मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलने पर आप का बयान भी सामने आया है।पार्टी ने कहा है कि हम कोर्ट का सम्मान करते हैं। हम हाईकोर्ट जाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फिलहाल वे इस मामले की सुनवाई नहीं करना चाहते हैं।सिसोदिया ने याचिका वापस लेने की बात कही है। कोर्ट ने कहा कि अगर मामला दिल्ली में हुआ है तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप सिर्फ सुप्रीम कोर्ट आएं, आप हाईकोर्ट भी जा सकते हैं। इस पर आरोपी सिंघवी के वकील ने कहा कि मनीष सिसोदिया का नाम चार्जशीट में नहीं है।उनके पास 18 विभाग हैं। कोई पैसा बरामद नहीं हुआ है। यदि बिना उचित कारण के राजनीतिक नेताओं की गिरफ्तारी होने लगे तो यह अच्छा नहीं होगा। गिरफ्तारी के अधिकार का मतलब बलपूर्वक गिरफ्तार करना नहीं।
सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया के वकील से कहा कि आपके पास कानूनी विकल्प है, आप कोशिश कर सकते हैं।आप उच्च न्यायालय में अपील कर सकते हैं। आपको सुप्रीम कोर्ट आने की क्या जरूरत है? आपके पास अन्य कानूनी विकल्प हैं, उनका उपयोग करें। जस्टिस नरसिम्हन ने कहा कि अगर कोई केस दिल्ली में है तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप सारे कानूनी विकल्प छोड़कर सीधे सुप्रीम कोर्ट आ जाएं।इस पर वकील सिंघवी ने कहा कि हमें दो बार समन भेजा गया, पूछताछ के लिए गए। यह तीसरा बजट था, हमने छूट मांगी थी। फिर हम गए, फिर हमें गिरफ्तार कर लिया गया। सुप्रीम कोर्ट, हम आपकी इस बात से सहमत हैं, लेकिन एक उपाय है। आपने सुबह उच्च न्यायालय जाने का उल्लेख किया। सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे खुले हैं, लेकिन आप हाईकोर्ट जाने के लिए स्वतंत्र हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया के वकील से कहा कि आपको दिल्ली हाई कोर्ट में अपील करने का अधिकार है।इस पर सिंघवी ने कहा कि कोर्ट ने अपने फैसलों में साफ कर दिया है कि लोगों की निजी आजादी से समझौता नहीं किया जा सकता है। इस पर सीजेआई ने कहा कि विनोद दुआ का मामला जहां एक पत्रकार की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जुड़ा है, वहीं आपका मामला भ्रष्टाचार निरोधक कानून से जुड़ा है।इस पर सिंघवी ने कहा कि यह अधिकारों का मामला है। तब CJI ने कहा कि हाई कोर्ट ऐसे मामलों की सुनवाई के बराबर है।
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