jalandhar, February 25, 2021 9:36 pm
कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) संचालित सामाजिक सुरक्षा योजना से दिसंबर 2020 में 12.06 लाख नये सदस्य जुड़े. इससे पूर्व माह नवंबर में 9.48 लाख अंशधारक जुड़े थे. नेशनल स्टैटिकल ऑफिस (NSO) द्वारा जारी यह आंकड़ा संगठित क्षेत्र में रोजगार की स्थिति को बताता है. ताजा आंकड़ों के अनुसार ईएसआईसी की सामाजिक सुरक्षा योजना से जून 2020 में 8.87 लाख, मई में 4.89 लाख और अप्रैल में 2.63 लाख अंशधारक जुड़े थे. यह बताता है कि ‘लॉकडाउन’ में ढील के साथ ईएसआईसी की योजना से जुड़ने वाले कर्मचारियों की संख्या बढ़ी है.
जुलाई 2020 में कुल पूंजीकरण घटकर 7.63 लाख पर आ गया. हालांकि अगस्त में यह बढ़कर 9.5 लाख, सितंबर में 11.58 लाख और अक्टूबर 2020 में 12.06 लाख पर पहुंच गया. सरकार ने पिछले साल कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये 25 मार्च से देश भर में ‘लॉकडाउन’ लगाया था.
एनएसओ की रिपोर्ट के अनुसार 2019-20 में ईएसआई से जुड़ने वाले अंशधारकों की संख्या सकल रूप से 1.51 करोड़ रही जो 2018-19 में 1.49 करोड़ थी. सितंबर 2017 से मार्च 2018 के दौरान 83.35 लाख नये अंशधारक ईएसआईसी की योजना से जुड़े. रिपोर्ट के अनुसार सितंबर 2017 से दिसंबर 2020 के दौरान कुल 4.63 करोड़ अंशधारक ईएसआईसी से जुड़े.
एनएसएओ की रिपोर्ट ESIC, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) और पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (PFRDA) द्वारा संचालित विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जुड़े लोगों के ‘पेरोल’ यानी नियमित वेतन पर रखे जाने वाले आंकड़ों पर आधारित है. इन संगठनों के ये आंकड़े अप्रैल 2018 से जारी किये जा रहे हैं. इसमें सितंबर 2017 से शुरू अवधि को लिया गया है.
रिपोर्ट के अनुसार, शुद्ध रूप से ईपीएफओ से जुड़ने वाले अंशधारकों की संख्या दिसंबर में 12.53 लाख रही जो नवंबर 2020 में 8.70 लाख था. एनएसओ के आंकड़ों के अनुसार सितंबर 2017 से दिसंबर 2020 के दौरान सकल रूप से 3.94 करोड़ नये अंशधारक कर्मचारी भविष्य निधि की योजना से जुड़े.
‘भारत में पेरोल रिपोर्ट:संगठित क्षेत्र में रोजगार परिदृश्य-दिसंबर 2020’ शीर्षक से जारी रिपोर्ट में कहा गया है चूंकि अंशधारकों की संख्या विभिन्न स्रोतों से ली गयी है, ऐसे में दोहराव की आशंका है और अनुमान को जोड़ा नहीं जा सकता.
रिपोर्ट में कहा गया है कि रिपोर्ट संगठित क्षेत्र में रोजगार को लेकर विभिन्न परिदृश्य के बारे में जानकारी देती है. लेकिन समग्र रूप से रोजगार का आकलन नहीं करती.
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