jalandhar, January 28, 2023
बिजनेस स्टैंडर्ड ने बताया कि सरकार ने बुधवार को गेहूं और उसके आटे की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए अपने बफर स्टॉक से 30 लाख टन गेहूं खुले बाजार में बेचने की घोषणा की। यह गेहूं अगले 2 महीनों में भारतीय खाद्य निगम (FCI) के माध्यम से विभिन्न माध्यमों से बेचा जाएगा।
महंगाई के मोर्चे पर आम आदमी को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है, क्योंकि गेहूं की कीमतों में गिरावट आने की संभावना है। कारोबारी जगत और बाजार सूत्रों के मुताबिक सरकार के 30 लाख टन गेहूं खुले बाजार में बेचने के फैसले से गेहूं और आटे की कीमतों में 4 से 6 रुपये प्रति किलो की कमी आ सकती है.
बिजनेस स्टैंडर्ड ने बताया कि सरकार ने बुधवार को गेहूं और उसके आटे की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए अपने बफर स्टॉक से 30 लाख टन गेहूं खुले बाजार में बेचने की घोषणा की। यह गेहूं अगले 2 महीनों में भारतीय खाद्य निगम (FCI) के माध्यम से विभिन्न माध्यमों से बेचा जाएगा।
यह गेहूं ई-नीलामी के जरिए आटा मिल मालिकों को बेचा जाएगा। हालांकि, गेहूं की कीमतों में बड़ी गिरावट की संभावना सीमित लगती है और कीमतें 2023-24 (अप्रैल से मार्च) के लिए 21.25 रुपये प्रति किलोग्राम के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से ऊपर बनी रहेंगी।
बाजार सूत्रों ने कहा कि जब तक केंद्र सरकार 2023-24 के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बोनस की घोषणा नहीं करती, तब तक केंद्र के लिए नए विपणन सत्र में अपने स्टॉक को फिर से भरना मुश्किल हो सकता है। हालांकि, अन्य लोगों का मानना है कि एक बार जब गेहूं की नई फसल बाजार में आनी शुरू हो जाती है, तो मध्य प्रदेश को छोड़कर सभी उत्पादक राज्यों में कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे गिर सकती हैं, बशर्ते उत्पादन अच्छा हो।
आपको बता दें कि बुधवार को देश के प्रमुख शहरों में गेहूं की औसत कीमत 33.43 रुपये प्रति किलो थी, जबकि पिछले साल इस समय यह कीमत 28.24 रुपये प्रति किलो थी. इसके साथ ही इस साल गेहूं के आटे की औसत कीमत 37.95 रुपये प्रति किलो दर्ज की गई और पिछले साल यह कीमत 31.41 रुपये प्रति किलो थी
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