Jalandhar, March 29, 2023
पिछले कुछ वर्षों में भारत में डिजिटल भुगतान में जबरदस्त वृद्धि हुई है। छोटे से बड़े लेनदेन के लिए लोग यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) का इस्तेमाल करते हैं। अब नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने एक सर्कुलर जारी किया है। जो वॉलेट या कार्ड जैसे प्रीपेड उपकरणों के माध्यम से व्यापारियों को किए गए यूपीआई भुगतान पर इंटरचेंज शुल्क की सिफारिश करता है।
इसके साथ ही कई ग्राहक इस सर्कुलर को लेकर असमंजस में थे। ऐसा लगता है कि उनसे सामान्य यूपीआई लेनदेन के लिए शुल्क लिया जाता है, लेकिन एनपीसीआई ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर स्पष्ट किया कि सामान्य यूपीआई लेनदेन पूरी तरह से मुफ्त और सुरक्षित हैं। यह चार्ज सिर्फ प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट यानी पीपीआई पर ही लागू होगा। पीपीआई पर कितना चार्ज मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नए वित्त वर्ष की शुरुआत 1 अप्रैल से मर्चेंट यूपीआई ट्रांजैक्शन फ्री नहीं होगा। एनपीसीआई ने प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट यानी पीपीआई पर इंटरचार्ज की सिफारिश की है, जो 0.5-1.1 फीसदी के बीच होगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर ग्राहक किसी भी यूपीआई मर्चेंट पर 2,000 रुपये से अधिक का लेनदेन करते हैं, तो उनसे 1.1 प्रतिशत का इंटरचेंज शुल्क लिया जाएगा।
अगर किसी ने गूगल पे के जरिए 2000 रुपये का मर्चेंट ट्रांजैक्शन किया है तो चार्ज 1.1 फीसदी है, इसलिए आपको 22 रुपये अतिरिक्त देने होंगे। इसी तरह 10,000 रुपये की राशि पर आपको 110 रुपये अतिरिक्त चुकाने होंगे।
फिलहाल यह नियम एक अप्रैल से लागू किया जा रहा है, जबकि 30 सितंबर 2023 को बैठक होगी, जिसमें प्रभार की समीक्षा की जाएगी। जरूरत पड़ी तो उस समय बदलाव भी किए जाएंगे।
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