jalandhar, February 20, 2021 10:48 pm
पेट्रोल-डीजल की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही है. कई राज्यों में तो पेट्रोल के दाम 100 रुपए प्रति लीटर जा पहुंची है. ऐसे में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने खुद स्वीकार किया कि सरकार के लिए भी यह धर्मसंकट की घड़ी है. लेकिन आखिर क्या वजह है कि पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम होने का नाम नहीं ले रही है. दरअसल पेट्रोल-डीजल पर राज्य और केंद्र सरकार दोनों मोटा टैक्स कमा रही है और आम जनता को सस्ता तेल नहीं मिल पा रहा है.
अगर राज्य और केंद्र सरकार इसपर मिलने वाले टैक्स को थोड़ा कम कर दें तो जनता को बड़ी राहत मिल सकती है. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकार को मौजूदा वित्त वर्ष में पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी से 3.49 लाख करोड़ रुपए हासिल होंगे. यह वित्त वर्ष 2020-21के बजट अनुमान से करीब 97,600 करोड़ रुपए ज्यादा है.
कैसे बढ़ता है पेट्रोल-डीजल का दाम
पेट्रोल-डीजल के दाम का एक बड़ा हिस्सा केंद्र सरकार को एक्साइज ड्यूटी के जरिए मिलता है. वहीं राज्य सरकार भी इसपर मोटा टैक्स वसूलती है. देश की राजधानी दिल्ली की बात की जाए तो राज्य सरकार इसपर वैट के रुप में एक लीटर पर 26 रुपए के करीब वसूलती है वहीं केंद्र सरकार एक्साइज ड्यूटी के जरिए 32.90 रुपए वसूलती है. मतलब 90 रुपए के पेट्रोल पर केवल टैक्स के रुप में जनता को करीब 59 रुपए देने पड़ते है. अगर दोनों सरकार अपने अपने टैक्स को थोड़ा भी कम कर दें तो आम जनता की जेब पर भार कम हो सकेगा.
ऐसे होता है तेल का खेल
– 1 लीटर पेट्रोल का दाम – 90 रुपए ( करीब)
– वैट टैक्स ( राज्य सरकार ) – 26 रुपए
– एक्साइज ड्यूटी ( केंद्र सरकार ) – 32.90 रुपए
– तेल की बेस कीमत – 31. 82 रुपए
– ढुलाई का चार्ज – 28 पैसे
32 रुपए के तेल के लिए 90 रुपए
ऊपर के आकंड़ों के मुताबिक पेट्रोल-डीजल का बेस कीमत ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को 32 रुपए के करीब पड़ता है. लेकिन इसमें टैक्स का बोझ बेस कीमत से करीब करीब दोगुना होता है. मसलन 32 रुपए लीटर के तेल पर 59 रुपए का केवल टैक्स आम जनता चुका रही है. अब सरकार को भी पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों को चिंता सता रही है. विपक्ष भी सरकार को लगातार इस मुद्दे पर घेर रही है. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा कि अगर पिछली सरकारों ने कच्चे तेल पर देश की निर्भरता को कम किया होता, तो देश को महंगे तेल का बोझ नहीं सहन करना पड़ता. इससे ऐसा लग रहा है कि सरकार अभी टैक्सेज में कटौती करने के मूड में नहीं है.
क्या कहते हैं जानकार
एंजल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट अनुज गुप्ता का कहना है कि जबतक टैक्स का बोझ कम नहीं होगा पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से आम जनता को राहत मिलती नहीं दिख रही है. अगर राज्य सरकार वैट का कुछ हिस्सा भी कम कर दें तो पेट्रोल- डीजल की कीमतों में अच्छी खासी कटौती हो सकती है. वहीं अगर एक्साइज ड्यूटी और वैट दोनों जैसे बड़े हिस्सों में एकसाथ कमी हो जाए तो आने वाले दिनों में तेल कीमतों में बड़ा फर्क देखने को मिल सकता है.
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